पथ स्वयं मार्गदर्शक बन कर, उस लक्ष्य तलक पहुंचायेगा पथ स्वयं मार्गदर्शक बन कर, उस लक्ष्य तलक पहुंचायेगा
अजब रिवाजों वाला ही, है इस सारे जग का रोग, चलती को कहते हैं गाड़ी, अजब रिवाजों वाला ही, है इस सारे जग का रोग, चलती को कहते हैं गाड़ी,
मोदीजी ही आएंगे भैया दोबारा दोबरा दोबारा ..दोबारा दोबारा। मोदीजी ही आएंगे भैया दोबारा दोबरा दोबारा ..दोबारा दोबारा।
खिलाड़ी बनकर भी देश सेवा कर पाऊंगा, जीत पर तिरंगा हर बार लहराउंगा। खिलाड़ी बनकर भी देश सेवा कर पाऊंगा, जीत पर तिरंगा हर बार लहराउंगा।
भीड़ भरी या सुनसान मिलेंगे जंगल कस्बा या शहर दिल में उफान लेंगे समुद्र की लहरें भीड़ भरी या सुनसान मिलेंगे जंगल कस्बा या शहर दिल में उफान लेंगे समुद्र की ...
अतः चलता जा तू अपनी मंजिल की तरफ। अतः चलता जा तू अपनी मंजिल की तरफ।